Wednesday 7 December 2011

डॉ. मुकेश कुमार अनुरागी

दोस्तों इस बार शिवपुरी की धरती से आपका परिचय कराने जा रहे है डॉ. मुकेश कुमार अनुरागी | अनुरागी जी हिंदी की काव्य विधाओं में विशेष योग्यता रखते है| शिवपुरी के कन्या महाविद्यालय में लेब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत अनुरागी जी के पास ना जाने कौन सा अम्ल है, जिसके डालते ही रचनाओं में जान आ जाती है| आप कवित्त, घनाक्षरी एवं सवैया पर अपनी अनूठी पकड़ के लिए जाने जाते है| आप की पुस्तक ‘सुर बांसुरी के’ में कृष्ण भक्ति के रंग के साथ साथ सामाजिक समवेदाओं का अनूठा संगम है| आपकी रचनाएं अखबारों में नियमित प्रकाशित होती रहती है| तो आइये अनुरागी जी की बांसुरी की अनुगूँज सुन कर देखते है ...


१.       कारे मतवारे स्याम मन में बसे थे कल
कारे मतवारे  श्याम  मन में बसे थे कल,
किन्तु आज  बस श्याम रंग रहा मन में|

मुरली की धुन थी जो,कदम्ब की गुंजन में,
और आज करील  की झाड़ियां है वन में ||

रास को रचाते थे और मन अपनाते थे वे,
किन्तु  आज मन से निकल फँसे तन  में|

युद्ध  नित्य हो रहा है, हर  क्षण, हर  पल,
किन्तु बिन पार्थ, कान्ह आते नहीं रण में||

२.      सत्ता की मलाई, आज सबको है भाई
सत्ता   की   मलाई,   आज सबको है  भाई,
चाट चाट  के है खाई, उन्हें बढ़ती खुमारी है|

हाथ  ले  त्रिशूल,   फूल कहीं है कटार धार,
कहीं  साइकल, कहीं  हाथी  की सवारी है ||

यू.पी. या तमिल चाहे पश्चिम बंगाल, दिल्ली,
कहीं  पे कुं आरा  बैठा, कहीं  पे कुंआरी है|

जिनने  चलाया नहीं  घर  द्वार  कभी  मित्र,
आज  वही  देश  को  चलावें  बलिहारी है ||

३.      कलम की मार, तेज होती तलवार धार
कलम  की मार, तेज होती तलवार धार,
कलम से मरता  जो उठ नहीं पाता है |

कलम की शान, फूंके मुरदों में जान-प्राण
चेतना के गीत सुन देश जग जाता है ||

आये झंझावात, चाहे कुरसी की होवे घात,
झुकती  नहीं  कलम, न खरीद पाता है |

ऐसे ही कलम और ऐसे ही कलमकार को,
ये  सारा देश सिर  आँख पर बैठता है ||

४.     बजी रिंग टोन पूछा हैलो आप कौन मित्र
बजी  रिंग टोन  पूछा हैलो आप  कौन मित्र,
बिना देखे चित्र, सारा  तन- मन डोल गया ||

देख  फोन  बार- बार, डायल  किया था यार,
सुनाई  दे बार- बार, ऐसी  बानी बोल गया ||

रिंग  टोन से  जो शुरू  हुई थी कहानी दोस्त,
उंगली की रिंग का वो नाप ले के तौल गया ||

आया  जब  से  मोबाईल, बदली  हुई स्टाइल,
चलता रहा था सीधा,  अब गो ल गोल गया ||

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